Friday, 15 March 2013

Hare krishna

 
सम्राट अकबर के नवरत्नों में उसका मन्त्री बीरबल भी था ;वह बहुत बुद्धिमान था !
एक बार अकबर दरबार में यह सोच कर आये कि आज बीरबल को भरे दरबार में शर्मिंदा करना है ;इसके लिये वे बहुत तैयारी करके आये थे !आते ही अकबर ने बीरबल के सामने अचानक 3 प्रश्न प्रस्तुत कर दिये -ईश्वर कहाँ रहता है ?वह कैसे मिलता है ?और वह करता क्या है ?
बीरबल इन प्रश्नों को सुनकर सक-पका से गये और बोले -जहाँपनाह इन प्रश्नों के उत्तर मै आपको कल दूँगा !जब बीरबल घर पहुँचे तो वह बहुत उदास थे !उनके पुत्र ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया -बेटा आज अकबर बादशाह ने मुझसे एक साथ तीन प्रश्न -ईश्वर कहाँ रहता है ?वह कैसे मिलता है ?और वह करता क्या है ?पूछे हैं !मुझे उनके उत्तर सूझ नही रहे हैं और कल दरबार में इनका उत्तर देना है !बीरबल के पुत्र ने कहा -पिता जी कल आप मुझे दरबार में अपने साथ ले चलना मैं बादशाह के प्रश्नों के उत्तर दूँगा !पुत्र की हठ के कारण बीरबल अगले दिन अपने पुत्र को साथ लेकर दरबार में पहुँचे !
बीरबल को देख कर बादशाह अकबर ने कहा -बीरबल मेरे प्रश्नों के उत्तर दो !बीरबल ने कहा -जहाँपनाह आपके प्रश्नों के उत्तर तो मेरा पुत्र भी दे सकता है !अकबर ने बीरबल के पुत्र से पहला प्रश्न पूछा -बताओ ईश्वर कहाँ रहता है ?बीरबल के पुत्र ने एक गिलास शक्कर मिला हुआ दूध बादशाह से मँगवाया और कहा -जहाँपनाह दूध कैसा है ?अकबर ने दूध चखा और कहा कि ये मीठा है !-परन्तु बादशाह सलामत क्या आपको इसमें शक्कर दिखाई दे रही है ?बादशाह बोले -नही वह तो इस दूध में घुल गयी है !-जहाँपनाह जैसे शक्कर दूध में घुल गयी है परन्तु वह दिखाई नही दे रही है ;ईश्वर भी इसी प्रकार संसार की हर वस्तु में रहता है !बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब दूसरे प्रश्न का उत्तर पूछा -बताओ ईश्वर मिलता कैसे है ?बालक ने कहा -जहाँपनाह थोड़ी दही मँगवाइये !बादशाह ने दही मँगवाई तो बीरबल के पुत्र ने कहा -जहाँपनाह क्या आपको इसमें मक्खन दिखाई दे रहा है !बादशाह ने कहा -मक्खन तो दही में है पर इसको मथने पर ही वह दिखाई देगा !बालक ने कहा -जहाँपनाह मन्थन करने पर ही ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं !
बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब अन्तिम प्रश्न का उत्तर पूछा -बताओ ईश्वर करता क्या है ?बीरबल के पुत्र ने कहा -जहाँपनाह इसके लिये आपको मुझे अपना गुरू स्वीकार करना पड़ेगा !अकबर बोले -ठीक है तुम गुरू और मैं तुम्हारा शिष्य !अब बालक ने कहा -जहाँपनाह गुरू तो ऊँचे आसन पर बैठता है और शिष्य नीचे !अकबर ने बालक के लिये सिंहासन खाली कर दिया और स्वयं नीचे बैठ गये !
अब बालक ने सिंहासन पर बैठ कर कहा -जहाँपनाह आपके अन्तिम प्रश्न का उत्तर तो यही है !अकबर बोले -क्या मतलब ;मैं कुछ समझा नहीं ?बालक ने कहा -जहाँपनाह ईश्वर यही तो करता है पल भर में राजा को रंक बना देता है और भिखारी को सम्राट बना देता है !
सम्राट अकबर के नवरत्नों में उसका मन्त्री बीरबल भी था ;वह बहुत बुद्धिमान था !
एक बार अकबर दरबार में यह सोच कर आये कि आज बीरबल को भरे दरबार में शर्मिंदा करना है ;इसके लिये वे बहुत तैयारी करके आये थे !आते ही अकबर ने बीरबल के सामने अचानक 3 प्रश्न प्रस्तुत कर दिये -ईश्वर कहाँ रहता है ?वह कैसे मिलता है ?और वह करता क्या है ?
बीरबल इन प्रश्नों को सुनकर सक-पका से गये और बोले -जहाँपनाह इन प्रश्नों के उत्तर मै आपको कल दूँगा !जब बीरबल घर पहुँचे तो वह बहुत उदास थे !उनके पुत्र ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया -बेटा आज अकबर बादशाह ने मुझसे एक साथ तीन प्रश्न -ईश्वर कहाँ रहता है ?वह कैसे मिलता है ?और वह करता क्या है ?पूछे हैं !मुझे उनके उत्तर सूझ नही रहे हैं और कल दरबार में इनका उत्तर देना है !बीरबल के पुत्र ने कहा -पिता जी कल आप मुझे दरबार में अपने साथ ले चलना मैं बादशाह के प्रश्नों के उत्तर दूँगा !पुत्र की हठ के कारण बीरबल अगले दिन अपने पुत्र को साथ लेकर दरबार में पहुँचे !
बीरबल को देख कर बादशाह अकबर ने कहा -बीरबल मेरे प्रश्नों के उत्तर दो !बीरबल ने कहा -जहाँपनाह आपके प्रश्नों के उत्तर तो मेरा पुत्र भी दे सकता है !अकबर ने बीरबल के पुत्र से पहला प्रश्न पूछा -बताओ ईश्वर कहाँ रहता है ?बीरबल के पुत्र ने एक गिलास शक्कर मिला हुआ दूध बादशाह से मँगवाया और कहा -जहाँपनाह दूध कैसा है ?अकबर ने दूध चखा और कहा कि ये मीठा है !-परन्तु बादशाह सलामत क्या आपको इसमें शक्कर दिखाई दे रही है ?बादशाह बोले -नही वह तो इस दूध में घुल गयी है !-जहाँपनाह जैसे शक्कर दूध में घुल गयी है परन्तु वह दिखाई नही दे रही है ;ईश्वर भी इसी प्रकार संसार की हर वस्तु में रहता है !बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब दूसरे प्रश्न का उत्तर पूछा -बताओ ईश्वर मिलता कैसे है ?बालक ने कहा -जहाँपनाह थोड़ी दही मँगवाइये !बादशाह ने दही मँगवाई तो बीरबल के पुत्र ने कहा -जहाँपनाह क्या आपको इसमें मक्खन दिखाई दे रहा है !बादशाह ने कहा -मक्खन तो दही में है पर इसको मथने पर ही वह दिखाई देगा !बालक ने कहा -जहाँपनाह मन्थन करने पर ही ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं !
बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब अन्तिम प्रश्न का उत्तर पूछा -बताओ ईश्वर करता क्या है ?बीरबल के पुत्र ने कहा -जहाँपनाह इसके लिये आपको मुझे अपना गुरू स्वीकार करना पड़ेगा !अकबर बोले -ठीक है तुम गुरू और मैं तुम्हारा शिष्य !अब बालक ने कहा -जहाँपनाह गुरू तो ऊँचे आसन पर बैठता है और शिष्य नीचे !अकबर ने बालक के लिये सिंहासन खाली कर दिया और स्वयं नीचे बैठ गये !
अब बालक ने सिंहासन पर बैठ कर कहा -जहाँपनाह आपके अन्तिम प्रश्न का उत्तर तो यही है !अकबर बोले -क्या मतलब ;मैं कुछ समझा नहीं ?बालक ने कहा -जहाँपनाह ईश्वर यही तो करता है पल भर में राजा को रंक बना देता है और भिखारी को सम्राट बना देता है !
 
An increase of hearing and chanting thus indicates a rise in nishthita-bhakti, while any decrease implies the presence of anishthita-bhakti.
Madurya Kadimbini by Visvanath Cakravartipad Ch 4 Last Pahragraph
An increase of hearing and chanting thus indicates a rise in nishthita-bhakti, while any decrease implies the presence of anishthita-bhakti.
Madurya Kadimbini by Visvanath Cakravartipad Ch 4 Last Pahragraph

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