Monday, 25 February 2013

HARI BOL Album

  • कभी भगवान विष्णु के चित्र के बारे में सोचा है, बीच समुद्र में शेषनाग के ऊपर आराम से लेटे और लक्ष्मी उनके पैर दबा रही है। कभी सोचा है भगवान विष्णु का यह रूप किस बात की ओर इशारा कर रहा है। इसमें हमारे लिए बहुत गहरा और गंभीर संदेश है। इसे अगर आत्मसात कर लिया जाए तो हमारा पारिवारिक और सामाजिक जीवन काफी हद तक बदल सकता है। आइए समझते हैं कि भगवान विष्णु का यह चित्र हमें क्या सिखा रहा है?
    इस सृष्टि के तीन प्रमुख भगवान हैं, ब्रह्मा, विष्णु और शिव। ब्रह्मा सृष्टि की रचना करते हैं, विष्णु उसका संचालन और शिव संहार। विष्णु सृष्टि के संचालक हैं। वे हमारी हर आवश्यकता की पूर्ति करते हैं, धर्म को स्थापित करते हैं, और जब धर्म पर अधर्म भारी होने लगता है तो अवतार भी लेते हैं। अधिक सरल शब्दों में कहा जाए तो विष्णु दुनियादारी या गृहस्थी के भगवान हैं। वे क्षीरसागर में रहते हैं, यह संसार भी एक सागर की तरह है, जिसमें सुख-दु:ख सभी भरपूर है। वे शेषनाग की शैय्या पर लेटे हैं, गृहस्थ का जीवन भी ऐसा ही होता है। जो घर का मुखिया होता है, उसके ऊपर कई जिम्मेदारियां होती हैं, इसलिए शेषनाग के कई फन हैं। फिर भी विष्णु का चेहरा मुस्कुराता है, यह सिखाता है कि हम भले ही कितनी ही जिम्मेदारियों से घिरे हों, धर्य नहीं खोना चाहिए, मन में शांति होना चाहिए और व्यवहार ऐसा हो कि परिवार का एक भी सदस्य आपसे दूर न रह सके। लक्ष्मी विष्णु के पैरों में है और उनकी सेवा कर रही है। यहां दो संदेश हैं पहला जो अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कुशलता से करता है, परिवार को प्रेम की डोर में बांधे रखता है लक्ष्मी सदा उसके पैरों की सेवा में लगी रहती है। दूसरा संदेश ऐसे भी समझा जा सकता है कि हमारे जीवन में परिवार और कर्तव्य का पहला स्थान हो और लक्ष्मी का आखिरी, तभी हमारे प्रेम में कभी लोभ या मोह नहीं आएगा।

    HARI BOL
    कभी भगवान विष्णु के चित्र के बारे में सोचा है, बीच समुद्र में शेषनाग के ऊपर आराम से लेटे और लक्ष्मी उनके पैर दबा रही है। कभी सोचा है भगवान विष्णु का यह रूप किस बात की ओर इशारा कर रहा है। इसमें हमारे लिए बहुत गहरा और गंभीर संदेश है। इसे अगर आत्मसात कर लिया जाए तो हमारा पारिवारिक और सामाजिक जीवन काफी हद तक बदल सकता है। आइए समझते हैं कि भगवान विष्णु का यह चित्र हमें क्या सिखा रहा है?
इस सृष्टि के तीन प्रमुख भगवान हैं, ब्रह्मा, विष्णु और शिव। ब्रह्मा सृष्टि की रचना करते हैं, विष्णु उसका संचालन और शिव संहार। विष्णु सृष्टि के संचालक हैं। वे हमारी हर आवश्यकता की पूर्ति करते हैं, धर्म को स्थापित करते हैं, और जब धर्म पर अधर्म भारी होने लगता है तो अवतार भी लेते हैं। अधिक सरल शब्दों में कहा जाए तो विष्णु दुनियादारी या गृहस्थी के भगवान हैं। वे क्षीरसागर में रहते हैं, यह संसार भी एक सागर की तरह है, जिसमें सुख-दु:ख सभी भरपूर है। वे शेषनाग की शैय्या पर लेटे हैं, गृहस्थ का जीवन भी ऐसा ही होता है। जो घर का मुखिया होता है, उसके ऊपर कई जिम्मेदारियां होती हैं, इसलिए शेषनाग के कई फन हैं। फिर भी विष्णु का चेहरा मुस्कुराता है, यह सिखाता है कि हम भले ही कितनी ही जिम्मेदारियों से घिरे हों, धर्य नहीं खोना चाहिए, मन में शांति होना चाहिए और व्यवहार ऐसा हो कि परिवार का एक भी सदस्य आपसे दूर न रह सके। लक्ष्मी विष्णु के पैरों में है और उनकी सेवा कर रही है। यहां दो संदेश हैं पहला जो अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कुशलता से करता है, परिवार को प्रेम की डोर में बांधे रखता है लक्ष्मी सदा उसके पैरों की सेवा में लगी रहती है। दूसरा संदेश ऐसे भी समझा जा सकता है कि हमारे जीवन में परिवार और कर्तव्य का पहला स्थान हो और लक्ष्मी का आखिरी, तभी हमारे प्रेम में कभी लोभ या मोह नहीं आएगा।

HARI BOL
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  • चाँद ते सितारे तेरी आरती उतारदे,
    गांदे ने गीत भोले नित्त तेरे प्यार दे ।
    दासां तो उदास होके, दर तों उठावी ना,
    जग ने रुलाया शम्बू, तू वि रुलावी ना ॥

    ♥ॐ नम: शिवाय♥

    ॐ नमः शिवाय॥
    @[173244399479996:274:I am Hindu and I Am Proud To Be A Hindu]<++JOIN++>@[173244399479996:274:I am Hindu and I Am Proud To Be A Hindu]

चाँद ते सितारे तेरी आरती उतारदे,
गांदे ने गीत भोले नित्त तेरे प्यार दे ।
दासां तो उदास होके, दर तों उठावी ना,
जग ने रुलाया शम्बू, तू वि रुलावी ना ॥

♥ॐ नम: शिवाय♥

ॐ नमः शिवाय॥
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  • HARI BOL
    HARI BOL

  • hare krishna
    hare krishna

    मुझे इतनी फुर्सत कहा कि अपनी किस्मत का लिखा देखू..
मै तो अपने साईं को मुस्कराता देख समाज जाता हूँ कि मेरी तक़दीर बुलंद है...
***Jai***Om***Sai***Ram***
***Good**Mrng**Frndss*** <3 :)
    मुझे इतनी फुर्सत कहा कि अपनी किस्मत का लिखा देखू..
    मै तो अपने साईं को मुस्कराता देख समाज जाता हूँ कि मेरी तक़दीर बुलंद है...


  • फ़क्त साईं
    बाकि
    कही नाही ♥
    फ़क्त साईं 
बाकि 
कही नाही <3

  • SAI DARBAR RANI BAGH..
    Baba Teri Fariyad Mein,
    Itna To Asar Ho Jaaye,
    Dil Jo Dharke Mera Toh,
    Mere Sai Tujhe Khabar Ho Jaaye... Jai sai jai jai sai . .
    Like · · · 3 hours ago ·
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम उर्वारुक मिव बन्धनान,
    मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ॐ* !!


    ❝_.•°*”˜.• ...Om Namah Shivaya... •.˜”*°•._❞
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम उर्वारुक मिव बन्धनान,
 मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ॐ* !!


 ❝_.•°*”˜.• ...Om Namah Shivaya... •.˜”*°•._❞

  • ।। ॐ साईं राम ।।

    ।। ॐ नमो: शिवाय ।।
    ।। ॐ साईं राम ।।

।। ॐ नमो: शिवाय ।।
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  • Hari Devote and Bhole Ke Deewane Kanwaria were tagged in Oм ηαмαн ѕнιναy's photo.
    एक भजन - मन्त्र मेरे हनुमानजी ने बनाया
है जिस में सारा ब्रह्माण्ड का ज्ञान समाया
जो पढ़े इसे या ध्याये इसे या जपे यह मन्त्र
डर, भय ...से दूर है वह जो पाए यह सफल यंत्र
न भाव लगे न रोकड़ा न मोल लगे न दाम
बनाये बिगड़े सारे काम बस जपते रहो यह नाम
अब तो भुजो अब तो बताओ क्या है वह नाम
इसने भूझा उसने भूझा सबने भूझा
राम राम है राम राम है जय श्री राम
_/\_ मारुति नंदन नमो नमः _/\_ कष्ट भंजन नमो नमः _/\_
_/\_ असुर निकंदन नमो नमः _/\_ श्रीरामदूतम नमो नमः _/\_


@[260145507424833:274:Oм ηαмαн ѕнιναy] <==ज्वाइन करे ==> @[260145507424833:274:Oм ηαмαн ѕнιναy].
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    एक भजन - मन्त्र मेरे हनुमानजी ने बनाया
    है जिस में सारा ब्रह्माण्ड का ज्ञान समाया
    जो पढ़े इसे या ध्याये इसे या जपे यह मन्त्र
    डर, भय ...से दूर है वह जो पाए यह सफल...See more
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    जय सोमनाथ

    ॥ श्री महारुद्राय सोमेश्वराय ज्योतिर्लिंगाय नम: ॥

    सुवर्णमय सोमनाथ का फोटो अवश्य लाईक,कोमेंट,शेर व टेग करे...
    @[173244399479996:274:I am Hindu and I Am Proud To Be A Hindu]<++Join++>@[173244399479996:274:I am Hindu and I Am Proud To Be A Hindu]

जय सोमनाथ

॥ श्री महारुद्राय सोमेश्वराय ज्योतिर्लिंगाय नम: ॥

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  • नामसंकीर्तनयोग कलियुग की सर्वश्रेष्ट साधना है | नाम जप से सकाम और निष्काम दोनों ही भाव से साधना करनेवाले को लाभ होता है ! सकाम साधना करनेवाले के मनोरथ सिद्ध होते हैं और निष्काम साधना करनेवाले को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है ! अतः नामजप करें !!
    * जाना चहहिं गूढ़ गति जेऊ। नाम जीहँ जपि जानहिं तेऊ॥
    साधक नाम जपहिं लय लाएँ। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएँ॥2॥
    भावार्थ:-जो परमात्मा के गूढ़ रहस्य को (यथार्थ महिमा को) जानना चाहते हैं, वे (जिज्ञासु) भी नाम को जीभ से जपकर उसे जान लेते हैं। (लौकिक सिद्धियों के चाहने वाले अर्थार्थी) साधक लौ लगाकर नाम का जप करते हैं और अणिमादि (आठों) सिद्धियों को पाकर सिद्ध हो जाते हैं॥2॥
    नामसंकीर्तनयोग कलियुग की सर्वश्रेष्ट साधना है | नाम जप से सकाम और निष्काम दोनों ही भाव से साधना करनेवाले को लाभ होता है ! सकाम साधना करनेवाले के मनोरथ सिद्ध होते हैं और निष्काम साधना करनेवाले को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है ! अतः नामजप करें !! 
* जाना चहहिं गूढ़ गति जेऊ। नाम जीहँ जपि जानहिं तेऊ॥
साधक नाम जपहिं लय लाएँ। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएँ॥2॥
भावार्थ:-जो परमात्मा के गूढ़ रहस्य को (यथार्थ महिमा को) जानना चाहते हैं, वे (जिज्ञासु) भी नाम को जीभ से जपकर उसे जान लेते हैं। (लौकिक सिद्धियों के चाहने वाले अर्थार्थी) साधक लौ लगाकर नाम का जप करते हैं और अणिमादि (आठों) सिद्धियों को पाकर सिद्ध हो जाते हैं॥2॥
    Good Morning DeVotess..!!!

    Jai Shree Ganesha
    Good Morning DeVotess..!!!

Jai Shree Ganesha

    jai shri shyam

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