Tuesday, 12 March 2013

वैदिक सनातन धर्ममें ऐसा क्यों ?

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वैदिक सनातन धर्ममें ऐसा क्यों ?
अ. किसीसे मिलनेपर हस्तांदोलन (हैंडशेक) न कर, हाथ जोडकर नमस्कार करना इष्ट क्यों है ?
१. जब दो जीव हस्तांदोलन करते हैं, तब उनके हाथोंसे प्रक्षेपित राजसी-तामसी तरंगें हाथोंकी दोनों अंजुलियोंमें संपुष्ट होती हैं । उनके शरीरमें इन कष्टदायक तरंगोंके वहनका परिणाम मनपर होता है ।
२. यदि हस्तांदोलन करनेवाला अनिष्ट शक्तिसे पीडित हो, तो दूसरा जीव भी उससे प्रभावित हो सकता है, इसलिए सात्त्विकताका संवर्धन करनेवाली नमस्कार जैसी कृतिको आचरणमें लाएं । इससे जीवको विशिष्ट कर्म हेतु ईश्वरका चैतन्यमय बल तथा ईश्वरकी आशीर्वादरूपी संकल्प-शक्ति प्राप्त होती है ।
३. हस्तांदोलन करना पाश्चात्य संस्कृति है । हस्तांदोलनकी कृति, अर्थात् पाश्चात्य संस्कृतिका पुरस्कार । नमस्कार, अर्थात् भारतीय संस्कृतिका पुरस्कार । स्वयं भारतीय संस्कृतिका पुरस्कार देकर, भावी पीढीको भी यह सीख दें ।
आ. किसीसे भेंट होनेपर नमस्कार कैसे करें ?
किसीसे भेंट हो, तो एक-दूसरेके सामने खडे होकर, दोनों हाथोंकी उंगलियोंको जोड़ें । अंगूठे छातीसे कुछ अंतरपर हों । इस प्रकार कुछ झुककर नमस्कार करें । इस प्रकार नमस्कार करनेसे जीवमें नम्रभावका संवर्धन होता है, व ब्रह्मांडकी सात्त्विक-तरंगें जीवकी उंगलियोंसे शरीरमें संक्रमित होती हैं । एक-दूसरेको इस प्रकार नमस्कार करनेसे दोनोंकी ओर आशीर्वादयुक्त तरंगोंका प्रक्षेपण होता है ।
इ. नमस्कारमें क्या करें व क्या न करें ?
* नमस्कार करते समय नेत्रोंको बंद रखें ।
* नमस्कार करते समय पादत्राण धारण न करें ।
* एक हाथसे नमस्कार न करें ।
* नमस्कार करते समय हाथमें कोई वस्तु न हो ।
* नमस्कार करते समय पुरुष सिर न ढकें व स्त्रियोंको सिर ढकना चाहिए ।
• भारतीय संस्कृति अनुसार नमस्कारके लाभ क्या हैं ?
• देवताको नमन करनेकी योग्य पद्धति व उसका आधारभूत शास्त्र क्या है ?
• वयोवृद्धोंको नमस्कार क्यों करना चाहिए ?
• मृत व्यक्तिको नमस्कार क्यों करना चाहिए ?
• विवाहोपरांत पति व पत्नीको एक साथ नमस्कार क्यों करना चाहिए ?

उपर्युक्त प्रश्नोंके उत्तर और इस संदर्भमें और जानकारीके लिए पढ़ें:
‘सनातन संस्था’ द्वारा प्रकाशित ग्रंथ “नमस्कार करनेकी योग्य पद्धति’’
ग्रंथ पानेके लिए संपर्क करें – www.sanatan@sanatan.org या sanatanshop.com
आप इस लिंकपर भी भेंट देकर इस विषयके बारेमें और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
http://www.hindujagruti.org/hinduism/knowledge/category/namaskar

10. Why is it so in Vedic Saanatan Dharma?

(a) Upon meeting someone, why is it desirable to do Namaskar (wish with folded hands) instead of shaking hands.

(i) When two people shake hands, the Rajasik-Tamasik (spiritually impure) vibrations from the hands get corroborated by the fingers. Their bodies bear the negative vibrations that have an impact on the mind.



(ii) If the person making the handshake is troubled by negative energies, the other person too can be affected by it. Hence, follow actions like Namaskar to promote sattvikta (piousness). This earns God’s Chaitanya Bal (strength through divine consciousness) through specific actions and God’s resolution power is received in the form of blessings.
(iii) Handshake is a western concept. The act of handshake means an act of western culture. Namaskar is a reward of the Indian culture. Taking this reward one must also give the younger generation a lesson.


(b) How to do Namaskar upon meeting anyone?

When meeting someone of the same age-group, offer Namaskar by joining the fingers and placing tips of the thumbs on the Anahat Chakra (at the centre of the chest). This type of Namaskar increases the spiritual emotion of humility in the embodied soul. Sattva (pure) frequencies from the universe are attracted by the fingers (which act as an antenna) and are then transmitted to the entire body through the thumbs that have awakened the Anahat Chakra. This activates the soul energy of the embodied soul. In addition, by doing Namaskar in this manner to each other, the frequencies of blessings are also transmitted.

(c ) Namskar: Do’s and Don’ts

(a) While offering Namaskar, keep the eyes closed.
(b) Do not sport any footwear while offering Namaskar.
(c) Do not offer Namaskar with one hand.
(d) There should be no object in your hands while offering Namaskar.
(e) While offering Namaskar, men should not cover their head, while women should cover their heads.

• According to Indian culture, what are the benefits of Namaskar?
• What is the correct method of paying obeisance to Gods and the underlying principle behind it?
• Why should you offer Namaskar to old people?
• Why should you offer Namaskar to a dead person?
• After marriage, why should a husband and wife not offer Namaskar together?

For answers to the above-mentioned questions and for more information on the topic, please read the holy text “The correct methods of doing Namaskar?”
To receive the publication, send a mail to sanatan@sanatan.org , or can visit sanatanshop.com

You can also visit this link and access more information on the subject.
http://www.hindujagruti.org/Hinduism/knowledge/category/namaskar




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