पुरुषार्थ या मनुष्य
होने का तात्पर्य
क्या है? हिन्दुत्व
कहता है कि धर्म,
अर्थ, काम, मोक्ष
ही पुरुषार्थ है । धर्म
का तात्पर्य
सदाचरण से है, अर्थ
का तात्पर्य धनोपार्जन और जान-माल
की रक्षा के लिए राज-व्यवस्था से है । काम
का तात्पर्य विवाह, सन्तानोपत्ति एवं
अर्जित धन का उपभोग कर इच्छाओं
की पूर्ति से है । मोक्ष का तात्पर्य अर्थ और
कम के कारण भौतिक पदार्थों एवं इन्द्रिय
विषयों में उत्पन्न आसक्ति से मुक्ति पाने
तथा आत्म-दर्शन से है । हिन्दू की दृष्टि में
मध्य मार्ग ही सर्वोत्तम है । गृहस्थ जीवन
ही परम आदर्श है । संन्यासी का अर्थ है
सांसारिक कार्यों को एवं
सम्पत्ति की देखभाल....
............माया
-
साईं रंगोली ♥
App sablo basant panchmi ke lakh lakh badahi..
Paavakaa na Saraswathi
Vajebhi vajnivathi
Yagnam vasthu dhiyaavasu.
Chodayathri soonruthaanaam,
Chethanthi sumathinaam,
Yajnam dadhe Saraswathi.
Maho arnaah Saraswathi,
Prachethayathi kethunaa,
Dhiyo vishva virajethi.
Prano devi saraswathi,
Vajhebhir vajinavathi,
Dhinam avithri avathu.
पुरुषार्थ या मनुष्य
होने का तात्पर्य
क्या है? हिन्दुत्व
कहता है कि धर्म,
अर्थ, काम, मोक्ष
ही पुरुषार्थ है । धर्म
का तात्पर्य
सदाचरण से है, अर्थ
का तात्पर्य धनोपार्जन और जान-माल
की रक्षा के लिए राज-व्यवस्था से है । काम
का तात्पर्य विवाह, सन्तानोपत्ति एवं
अर्जित धन का उपभोग कर इच्छाओं
की पूर्ति से है । मोक्ष का तात्पर्य अर्थ और
कम के कारण भौतिक पदार्थों एवं इन्द्रिय
विषयों में उत्पन्न आसक्ति से मुक्ति पाने
तथा आत्म-दर्शन से है । हिन्दू की दृष्टि में
मध्य मार्ग ही सर्वोत्तम है । गृहस्थ जीवन
ही परम आदर्श है । संन्यासी का अर्थ है
सांसारिक कार्यों को एवं
सम्पत्ति की देखभाल....
............माया
होने का तात्पर्य
क्या है? हिन्दुत्व
कहता है कि धर्म,
अर्थ, काम, मोक्ष
ही पुरुषार्थ है । धर्म
का तात्पर्य
सदाचरण से है, अर्थ
का तात्पर्य धनोपार्जन और जान-माल
की रक्षा के लिए राज-व्यवस्था से है । काम
का तात्पर्य विवाह, सन्तानोपत्ति एवं
अर्जित धन का उपभोग कर इच्छाओं
की पूर्ति से है । मोक्ष का तात्पर्य अर्थ और
कम के कारण भौतिक पदार्थों एवं इन्द्रिय
विषयों में उत्पन्न आसक्ति से मुक्ति पाने
तथा आत्म-दर्शन से है । हिन्दू की दृष्टि में
मध्य मार्ग ही सर्वोत्तम है । गृहस्थ जीवन
ही परम आदर्श है । संन्यासी का अर्थ है
सांसारिक कार्यों को एवं
सम्पत्ति की देखभाल....
............माया
साईं रंगोली ♥
App sablo basant panchmi ke lakh lakh badahi..
Paavakaa na Saraswathi
Vajebhi vajnivathi
Yagnam vasthu dhiyaavasu.
Chodayathri soonruthaanaam,
Chethanthi sumathinaam,
Yajnam dadhe Saraswathi.
Maho arnaah Saraswathi,
Prachethayathi kethunaa,
Dhiyo vishva virajethi.
Prano devi saraswathi,
Vajhebhir vajinavathi,
Dhinam avithri avathu.
App sablo basant panchmi ke lakh lakh badahi..
Paavakaa na Saraswathi
Vajebhi vajnivathi
Yagnam vasthu dhiyaavasu.
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Chethanthi sumathinaam,
Yajnam dadhe Saraswathi.
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Prachethayathi kethunaa,
Dhiyo vishva virajethi.
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Vajhebhir vajinavathi,
Dhinam avithri avathu.
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