Friday, 27 September 2013

KRISHNA stotra


(1)
nityanando 'vadhutendur, vasudha-prana-vallabhah
jahnavi-jivita-patih, krsna-prema-pradah prabhu

(2) 
padmavati-sutah sriman, saci-nandana-purvajah
bhavonmatto jagat-trata, rakta-gaura-kalevarah

(3)
sri nityananda candrasya nama-dvadasakam subham
ya idam pratyaham pratah praty utthaya pathen narah

(4)
sa klesa-rahito bhutva prapnuyat sva-mano-ratham
turnam caitanya-devasya karuna-bhajanam bhavet


(1) Sri Nityananda Prabhu is the embodiment of eternal bliss. He is the moon of all avadhutas and the beloved of the life-breath of Vasudha (His wife). Lord Nityananda is the husband enthusing Jahnavi with life. Nityananda Rama bestows ecstatic love for Krishna and He is the Lord and Master of the devotees.

(2) Sri Nityananda is the dear son of Padmavati and He is full of splendorous transcendental majesty. Nitai is the older brother of Sacimata's son Nimai. Nityananda Avadhuta is maddened in overwhelming ecstatic emotions. Sri Nityananda Prabhu is the savior of the universe. His complexion is golden tinged with red.

(3)-(4) That person who recites these twelve auspicious holy names of the moonlike Nityananda-chandra every day upon arising in the morning such a person becomes free from all difficulties & attains all their most cherished desires. Very soon they become the object of Lord Chaitanya-deva's mercy.
by Sarvabhaum Bhattacharya
Like ·  ·  · 41 minutes ago · 

Charulata Saxena ||माँ दुर्गा वंदना ||

||माँ दुर्गा वंदना ||

नमस्तेऽस्तु महारौद्रे महाघोरपराक्रमे।
महाबले महोत्साहे महाभ्यविनाशिनि॥

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते ॥

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः ।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम् ॥१॥
रौद्रायै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः ।
ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै सततं नमः ॥२॥

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:,
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या ,
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता॥

सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः |

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ! ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ! ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ! ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ! ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे !

जय माता दी, जय माता जी! जय माता दी, जय माता जी !

Jai Maata Di !! Aarti Jai Maa !!

  • !! Aarti Jai Maa !!

    Bhor Bhai Din, Chadgaya Meri Ambey
    Ho Rahi Jai-Jai Kar Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali Aarti Jai Maa

    Kahe Di Maiya Teri, Aarti Benava
    Kahe Di Panva Vich Bati Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    Suhe Cholianwali, Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali, Aarti Jai Maa

    Sarve Sone Di Teri, Aarti Benava
    Agar Kapoor Panva Bati Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    He Maa Pindi Rani, Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali, Aarti Jai Maa

    Kon Suhagan Diva Balia Meri Maiya
    Kon Jagega Sari Raat Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    Sachia Jyotanwali, Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali, Aarti Jai Maa

    Serve Suhagan Diva Balia Meri Maiya
    Jyot Jagegi Sari Raat Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    He Maa Tribhta Rani, Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali, Aarti Jai Maa

    Jug-Jug Jivae Tera Jammuve Da Raja
    Jis Tera Bhavan Benaya, Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    He Maa Ambey Rani, Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali, Aarti Jai Maa

    Simran Charan Tera Dhyanu Yash Gawe
    Jho Dhyawe So Yo Phal Pawe
    Rakt Panedi Laj Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    Sone Mandiranwali, Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali, Aarti Jai Maa

    Bhor Bhai Din, Chadgaya Meri Ambey
    Ho Rahi Jai-Jai Kar Mandir Vich
    Aarti Jai Maa
    He Pahadanwali Aarti Jai Maa
    He Darbaranwali Aarti Jai Maa
    Like ·  ·  · 4 hours ago · 
  •    Navratri begins on October 5, ends on October 13 - Jai Ambe Jai Jagdambe   
    http://hindupad.com/navratri/navaratri-in-2013/
    http://hindupad.com/nine-colours-of-navratri-dresses-to-wear-during-durga-navratri/
    Like, Share, Comment....
    https://www.facebook.com/HinduPad
    http://hindupad.com/
    Keep browsing http://hindupad.com/ for Hindu Dharma related aspects..
    Like ·  ·  · 13 hours ago · 

Bhagwad Geeta


  • PLEASE LIKE Cow & Hinduism / Gau Mata ki Jai

    1) Sometimes, GOD Breaks Our Spirit To Save Our Soul.

    2) Sometimes, HE Breaks Our heart To make Us Whole.

    3) Sometimes, HE Sends Us Pain So We Can Be Stronger.

    4) Sometimes, HE Sends Us Failure So We Can Be Humble.

    5) Sometimes, HE Sends Us Illness So We Can take Better Care Of Ourselves.

    6) Sometimes, HE Takes Everything Away From Us So We Can Learn The Value Of Everything We Have... !!
    Like ·  ·  · about an hour ago · 
  •  Sri Rukmini-Dwarkadisha
    Los Angeles, USA
    Like ·  ·  · 4 hours ago · 
  • "But when one finally stands before Kali, time seems to stand still. Everything stops. The people, the noise - all is mysteriously gone. One stares with wide eyes, forgetting even to blink. All one sees is Kali and nothing else. Overwhelmed with feeling one whispers, 'I love you.' And from within she replies, 'You do so much more for I am the source of your being!'"
    This is the spirit in which to approach Kali. The Great Goddess herself will then reveal her mysteries for all of us, solving in the process, the eternal questions of life."
    Like ·  ·  · 14 hours ago · 
  • Tanuja Thakur added a photo from 26 September 2013 to their timeline.
    नेपाल धर्मयात्राके मध्य एक व्यक्तिसे मिली जो अपने को तांत्रिक और अध्यात्मविद मानते हैं, हम सभी साधकोंके साथ वे तीन दिवस थे | हम तीनों साधकोंको परम पूज्य गुरुदेव डॉ. आठवलेके विषयमें बातें करते सुनकर मेरी अनुपस्थितिमें उन्होंने कहा कि आप सबकी गुरुके प्रति 'अंधश्रद्धा' है !!
    गुरुके प्रति अटूट श्रद्धा जिसे अज्ञानी 'अंधश्रद्धा' कहते हैं वह ही हमें भव सागरके पार करती है | श्रीगुरु चरित्रमें लिखा है "जिसपर श्रद्धा करना चाहिए उसपर भी पूर्ण श्रद्धा न करें और जिसपर श्रद्धा नहीं करना चाहिए उसपर तो कदापि न करें परंतु गुरुशास्त्र और गुरुपर पूर्ण श्रद्धा करें" |
    सुनी सुनाई बातोंपर न जाएँ, यदि आपकी जीवात्माको आपके गुरुके विषयमें अनेक अनुभूतियां हो चुकी हैं और आपको यह भान हो जाये कि वे आत्मसाक्षातकारी विभूति हैं तो उनपर पूर्ण श्रद्धा करें और आपका यही भाव आपको भवसागरसे तार सकती है !
    इस ब्रह्मांडका यदि कोई सत्य है तो वह है कि हमारे श्रीगुरु एक उच्च कोटिके विभूति और आत्मज्ञानी संत ही नहीं , धर्मसंस्थापक हैं और कालका प्रवाह इस तथ्यको सत्य सिद्ध करेगा, ऐसे सद्गुरुके प्रति श्रद्धा भी उनकी कृपासे ही प्राप्त हो सकता है ! और यह जानकार आनंद भी हुआ कि हमारी श्रद्धा किसीको 'अंधश्रद्धा' लगी यह 'अंधश्रद्धा' सदैव बनी रहे यह श्रीगुरु चरणोंमें प्रार्थना है !
    जिसने गुरु भक्ति नहीं की है वह उसका आनंद वैसे ही नहीं समझ सकता जैसे एक विदेशी इडली और डोसाका बिना देखे और स्वाद चखे उसका स्वाद नहीं समझ सकता !
    अध्यात्ममें छोटे-मोटे भूतों और सिद्धियोंको पाकर कुछ व्यक्ति अपनेको न जाने क्या समझने लगते हैं ! वे मुझसे तो कुछ नहीं कह रहे थे परंतु हमारे साथ जो साधक गए थे उन्हें बता रहे थे कि वे 'प्लानचार्ट' कर किसी भी मृत जीवात्माको बुला कर उन्हें उनसे मिला सकते हैं ! अरे भाई ! भूतोंसे मिलाया तो क्या मिलाया देवताओंसे मिला दो तो आपके चरण स्पर्श करूँ ! ये सब छुटभैये तंत्रिक किस प्रकार समाज और साधकको दिग्भ्रमित करते हैं यह समझमें आता है | उन्होंने मुझसे प्रथम बार कहा कि मैं तो धार्मिक भी नहीं हूँ परंतु मैंने अपने साधकों को पहले ही सतर्क कर दिया था कि यह व्यक्ति कोई छोटा- मोटा तांत्रिक है और मुझसे असत्य बोल रहा है और आप सब इससे सतर्क रहे | हमारे साधक यह सुनकर प्रथमत: डर गए , तब मैंने उनसे कहा कि आप सब चिंता न करें हम जिस सद्गुरुके संरक्षणमें हैं वे इस ब्रह्मांडकी सर्वोच्च सत्ता है और जब तक हम सत्य और धर्मके मार्गपर हैं, हमारा कोई कुछ भी नहीं बिगाड सकता , इससे साधक निश्चिंत हो गए और उन्हें तीन दिन झेल लिया |
    source : www.tanujathakur.com
    Like ·  ·  · 14 hours ago · 

Thursday, 26 September 2013

Cow & Hinduism / Gau Mata ki Jai

PLEASE LIKE Bhagwad Geeta

एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्यातिदूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...

एक बार वह अपने गंतव्य की और जानेके लिए बस मे चढ़े उन्होंने कंडक्टर को किराए के रुपये दिए और सीट पर जाकर बैठ गए

कंडक्टर ने जब किराया काटकर रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया की कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा उन्हें दे दिए है

पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूँगा

कुछ देर बाद मन मे विचार आया की बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहे है आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते है बेहतर है इन रूपयो को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए वह इनका सदुपयोग ही करेंगे

मन मे चल रहे विचार के बीच उनका गंतव्य स्थल आ गया बस मे उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा भाई तुमने मुझे किराए के रुपये काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे

कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी हो?

पंडित जी को हामी भरने पर कंडक्टर बोला मेरे मन मे कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा है आपको बस मे देखातो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं ज्यादा पैसे लौटाऊँ तो आप क्या करते हो अब मुझे पता चल गया की आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है जिससे सभी को सिख लेनी चाहिए

ये बोलकर कंडक्टर ने गाड़ी आगे बड़ा दी

पंडित जी बस से उतरकर पसीना पसीना थे उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से कहा है प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है जो तूने मुझे बचा लिया मैने तो दस रुपये के लालच मे तेरी शिक्षाओ की बोली लगा दी थी पर तूने सही समय पर मुझे थाम लिया....!
Ancient Shankaracharya Temple Kashmir, शंकराचार्य मंदिर श्रीनगर (कश्मीर )

Raghunath Temple,Jammu ~ रघुनाथ मंदिर , जम्मू

Goddess Kaali -Jai Maa Kaali (जय माँ काली)
Like ·  ·  · 18 hours ago ·