मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सभी के आदर्श हैं। !!!۞!!!
उनके आदर्शों को आत्मसात करके व्यक्ति निरंतर प्रगतिशील रह सकता है। उसका व्यक्तित्व शान्ति, सुख, संतुष्टि भरा हो सकता है। वह 'उत्तम पुरुष', सर्वगुण सम्पन्न और मानवीय गुणों में सबसे बड़े थे। भगवान राम उच्च कोटि के विद्वान थे। उनके जीवन से सभी को सीखना चाहिए। वह किस परिस्थिति में योजना बनाते थे। कब, कहां और कैसे निर्णय लेते थे, किस शालीनता से वह निर्देश देते थे और उसका परिणाम भी जन कल्याणकारी होता था। पृथ्वी पर जन्म लेने वाला हर वह इंसान मानवीय गुणों और भावनाओं से ओतप्रोत रहता है, जो भगवान राम के आदर्शों पर चलता है।प्रभु राम के सिद्धान्तों व उनके आदर्श पूर्ण जीवन से सीखना और समझना चाहिए। वह मानव समाज के एक ऐसे आदर्श थे, जिसके आचरण मात्र से व्यक्ति के जीवन जीने की राह प्रशस्त होती है। !!!۞!!!
!!!۞!!! जय जय श्री सीता राम जी की !!!۞!!!
उनके आदर्शों को आत्मसात करके व्यक्ति निरंतर प्रगतिशील रह सकता है। उसका व्यक्तित्व शान्ति, सुख, संतुष्टि भरा हो सकता है। वह 'उत्तम पुरुष', सर्वगुण सम्पन्न और मानवीय गुणों में सबसे बड़े थे। भगवान राम उच्च कोटि के विद्वान थे। उनके जीवन से सभी को सीखना चाहिए। वह किस परिस्थिति में योजना बनाते थे। कब, कहां और कैसे निर्णय लेते थे, किस शालीनता से वह निर्देश देते थे और उसका परिणाम भी जन कल्याणकारी होता था। पृथ्वी पर जन्म लेने वाला हर वह इंसान मानवीय गुणों और भावनाओं से ओतप्रोत रहता है, जो भगवान राम के आदर्शों पर चलता है।प्रभु राम के सिद्धान्तों व उनके आदर्श पूर्ण जीवन से सीखना और समझना चाहिए। वह मानव समाज के एक ऐसे आदर्श थे, जिसके आचरण मात्र से व्यक्ति के जीवन जीने की राह प्रशस्त होती है। !!!۞!!!
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