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अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते ।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ।।
रावणके युद्धमें परास्त कर उसका वध कर , प्रभु श्री रामने माता सीता को मुक्त किए और विभीषणको लंकाकी राजगद्दीपर आसीन किए | उनके भाई लक्ष्मणने उनसे लंकामें कुछ और दिवस रुकनेके लिए कहा क्योंकि लंका अत्यधिक रमणीय स्थान था |
तब प्रभु श्री रामने कहा कि स्वर्णमयी और सुंदर लंकामें उन्हें आकृष्ट नहीं करती और उन्हें अपने जन्मभूमि वापिस जाना है क्योंकि जननी और जन्मभूमि दोनोंका ही स्थान स्वर्गसे भी श्रेष्ठ है !
After defeating Ravana, and freeing Sita, Lord Rama coronated Vibhishana as the ruler of Lanka. Rama’s younger brother,Lakshmana, requested him to stay for some more time in Lanka, as it was such a beautiful city.
Lord Rama replied that he was not tempted to stay there. He did not like (न मे रोचते) Lanka (लङ्का) , even though it was filled with gold (अपि स्वर्णमयी), and very wonderful.
In Lord Rama’s view, ones’s mother and one’s motherland (जननी जन्मभूमिश्च), were both superior to even heaven (स्वर्गादपि गरीयसी).
source : www.tanuajthakur.com
अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते ।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ।।
रावणके युद्धमें परास्त कर उसका वध कर , प्रभु श्री रामने माता सीता को मुक्त किए और विभीषणको लंकाकी राजगद्दीपर आसीन किए | उनके भाई लक्ष्मणने उनसे लंकामें कुछ और दिवस रुकनेके लिए कहा क्योंकि लंका अत्यधिक रमणीय स्थान था |
तब प्रभु श्री रामने कहा कि स्वर्णमयी और सुंदर लंकामें उन्हें आकृष्ट नहीं करती और उन्हें अपने जन्मभूमि वापिस जाना है क्योंकि जननी और जन्मभूमि दोनोंका ही स्थान स्वर्गसे भी श्रेष्ठ है !
After defeating Ravana, and freeing Sita, Lord Rama coronated Vibhishana as the ruler of Lanka. Rama’s younger brother,Lakshmana, requested him to stay for some more time in Lanka, as it was such a beautiful city.
Lord Rama replied that he was not tempted to stay there. He did not like (न मे रोचते) Lanka (लङ्का) , even though it was filled with gold (अपि स्वर्णमयी), and very wonderful.
In Lord Rama’s view, ones’s mother and one’s motherland (जननी जन्मभूमिश्च), were both superior to even heaven (स्वर्गादपि गरीयसी).
source : www.tanuajthakur.com
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