Friday, 27 September 2013

ऐसे हैं मेरे राम

ऐसे हैं मेरे राम
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम,
विनय भरा ह्रदय करे सदा जिन्हें प्रणाम।

ह्रदय कमल, नयन कमल,
सुमुख कमल, चरण कमल,
कमल के तुम तेज पुंज छवि ललित ललाम,
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम॥

राम सा पुत्र ना राम सा भ्राता,
राम सा पति नहीं राम सा त्राता।
राम सा मित्र ना राम सा दाता,
सब से निभाएं सब सा नाता।
स्वभाव से उदार शांत,
सब गुणों के धाम,
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम॥

सारे जग के प्राण हैं राम,
ऋषि मुनिओं का ध्यान है राम,
गन्धर्वों का गान है राम,
मर्यादा का भान है राम,
पतितों का उद्धार है राम,
धनुधारी धनवान हैं राम,
निश्चित ही विद्वान है राम,
सब पूरण भगवान् है राम,
जनम मरण से मुक्ति हो, जपो जो राम नाम।
ऐसे हैं मेरे राम, ऐसे हैं मेरे राम॥
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