शंका समाधान
१. आपने अपने लेखोंमें अनेक बार नमक पानीके उपायके बारेमें लिखा है ? उस उपायको कैसे करना है इस बारमें थोड़ा विस्तार पूर्वक बतानेकी कृपा करें
– निशा सिंह, दिल्ली
नमक पानीका आध्यात्मिक उपाय करनेकी पद्धति :
आधी बाल्टी अपनी सुविधानुसार या मौसम अनुसार, गरम अथवा ठन्डे पानीमें, एक चम्मच मोटा या खड़ा नमक डालें (नैसर्गिक नमकमें आयोडीनयुक्त नमककी अपेक्षा अनिष्ट शक्तिके कष्ट दूर करनेकी अधिक क्षमता होती है ) और उसमें एक चम्मच देसी गायका गौमूत्र डालें, और अपने दोनों पैर उसमें डालकर पंद्रह मिनट कुर्सीपर बैठें और साथ ‘श्री गुरुदेव दत्त’ का जप करें, और पंद्रह मिनटके पश्चात पानीसे पैर निकाल कर पानी फ़ेंक दें और स्वच्छ जलसे पैर धो लें |
उसी पानीमें और किसी औरको पैर नहीं डालना है और न ही पंद्रह मिनटसे अधिक पैर डुबो कर बैठना है यह ध्यान रखें | यदि सुबह या शाममें धूप हलकी हो, आकाश नीला हो, तो आकाश और सूर्यके नीचे नमक पानीका उपाय करनेपर उसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है | उपाय करनेसे पूर्व प्रार्थना करें कि आकाश, सूर्य, नमक, जल और गौमूत्रमंद विद्यमान देवत्वसे मेरे शरीर, मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो | यह आध्यात्मिक उपाय दिनमें दो बार करें कमसे कम छः से आठ घंटेके अंतरालमें | जब आकाशमें काले बादल हो तो यह उपाय घरके अंदर करें |
नमक पानीका उपाय नियमित रूपसे करनेसे शरीर और मनसे संबंधित आध्यात्मिक कष्ट कम हो जाते हैं और मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो जाता है और मनको एकाग्र और शांत रहनेमें सहायता मिलती है |
उसी प्रकार नमक पानी और गौ मूत्र मिश्रित जलसे भी नियमित स्नान करनेसे मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट होता है | इस उपायके लिए स्नान करनेसे पूर्व एक बाल्टीमें दस लोटा पानी लें एक चम्मच खड़ा नमक और एक चम्मच देसी गायका गौ मूत्र डालें, उसे मिलाएँ और प्रार्थना करें ‘इस गौमूत्र और नमक पानीके स्नानसे मेरे मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो और मुझे चैतन्य प्राप्त हो” | तत्पश्चात साधारण स्नान करें |
यह दोनों ही प्रक्रिया वर्तमान समयमें घरके प्रत्येक सदस्यको, जिन्हें कष्ट है, उन्हें करते रहना चाहिए |
इस उपायको दो-तीन वर्ष लगातार करते रहें छोड़े नहीं !
दूसरा प्रश्न है :
मैंने आपके लेखको पढ़कर पिछले सप्ताह २-३ बार नमक पानीका उपाय किया | मुझे यह आध्यात्मिक उपाय करते समय बड़ी विचित्र सी अनुभूति हुई | मेरा जी मितलाने लगा और कोई धारदार वस्तु मेरे कानसे निकल रही हो ऐसा लग रहा था, मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी | क्या मैं इसे उपायको करनेमें निरंतरता रखूँ या छोड़ दूँ ? - सिमरन कौर, लंदन
उत्तर : नमक पानीका उपाय अनिष्ट शक्तिके कष्टसे निराकरण हेतु एक अत्यधिक उत्तम एवं प्रभावकारी आध्यात्मिक उपाय है | जिस प्रकारकी आपको अनुभूति हुई है उससे समझमें आता है कि आपको अनिष्ट शक्तिका कष्ट है अतः आप इस उपायको नियमित दिनमें दो बार करें और इसे और प्रभावकारी बनानेके लिए ऊपर बताए पद्धति अनुसार आकाश और सूर्यके संरक्षणमें करेंगी तो आपके कष्ट और शीघ्र कम होंगे |
उपाय करते समय आपका घबराना, जी मितलाना यह सब लक्षण है कि अनिष्ट शक्तिकी सूक्ष्म शक्ति कम हो रही है और इस कारण वे आपको कष्ट दे रही हैं | अनिष्ट शक्ति हमारे शरीरमें अपना स्थान बना सूक्ष्म अस्त्र और शस्त्र डाल देती हैं और कानसे उनके वे शस्त्र बाहर निकल रहे थे जो कि अच्छा लक्षण है और आपका शुद्धिकरण हो रहा था, इनसे आप डरें नहीं, दृढ़तापूर्वक नामजप और प्रार्थना करते जाएँ और उपाय करते रहे, थोड़े समयमें आपके कष्ट कम हो जाएंगे | इस प्रक्रियाके सूक्ष्म चित्र देखने हेतु इस लिंक पर जाएँ http:// www.spiritualresearchfounda tion.org/articles/id/ spiritualresearch/ spiritualhealing/ saltwaterremedy
VI. Clarification of doubts
Question 1: “You have often written in your articles about salt-water treatment. How is this treatment done? Please provide details.” – Nisha Singh, Delhi.
Answer: I will briefly explain how this remedy is to be done:
Take half a bucket of water, (hot or cold, depending upon the weather), put a spoonful of rock salt (natural salt possesses higher capacity to neutralise the problems caused by negative energies as compared to iodised salt) and put one spoon of Gau Mutra of a Desi (Indian) cow in a bucket of water. Sit on a chair and keep both your feet in the water for 15 minutes and chant Shree Guru Dev Datt. After 15 minutes, take your feet out, throw away the water and wash your feet with clean water.
Other family-members should not put their feet in this water. Alsoremember that your feet should not be kept in water for more than 15 minutes. See if there is mild sunlight such as in the morning or evening and the sky is blue then you can do the salt-water treatment under the sky. Doing it under the sky and the sun enhances its impact and makes it all the more powerful and increases its spiritual potency.. But before doing the treatment, pray thus: “May the element of divinity present in the sky, sun, salt, water and Gau Mutra destroy the black veil surrounding my mind and intellect.” Do this remedy twice a day, with a minimum gap of 6-8 hours. And continue it for two or three years as per the severity of the problems.
Doing salt-water treatment regularly reduces the problems pertaining to the mind and intellect as the black veil that surrounds them is destroyed, thus helping in better concentration and peace.
Similarly, taking a bath regularly with salt-water and Gau Mutra destroys the black veil surrounding the mind and intellect. For this, before taking a bath, take 8-10 mugs of water, put a teaspoonful of rock salt and a teaspoonful of Gau Mutra, mix it well and pray thus: “May this Gau Mutra and salt-water bath destroy the black veil surrounding my mind and intellect and may I receive Chaitanya (divine consciousness).” After this, take a normal bath. Both these processes must be done by those members of the family who suffer from problems.
Question 2:
“After reading your article, I had done the salt-water treatment two-three times in the last few weeks. But while doing this,I had a very strange experience.
I developed nausea and felt as if some sharp objects were coming out of my ear and I was a bit worried. Should I continue with this spiritual remedy or should I discontinue it?” - Simran Kaur, London.
Answer: Salt-water treatment is the most effective solution to problems caused by negative energies. The kind of experience you have had only proves that you are suffering from problems caused by negative energies. Hence, you must repeat this solution twice a day on a regular basis. To make it more effective, if you do it under the open sky and under light sunlight, your problems will reduce faster. Your strange feeling and nausea are symptoms that the subtle force of the negative energy is reducing and causing problems for you as a result. Negative energies create a place for themselves in our body and sometimes place subtle weapons in it. Those sharp weapons were coming out from your ear, which is a good sign, you were undergoing purification. Do not be afraid, do the chanting fearlessly, keep praying and continue this remedy, your problems will be reduced within a short time. To read more and see the pictures of subtle aspect of this treatment, visit this link:
http:// www.spiritualresearchfounda tion.org/articles/id/ spiritualresearch/ spiritualhealing/ saltwaterremedy
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१. आपने अपने लेखोंमें अनेक बार नमक पानीके उपायके बारेमें लिखा है ? उस उपायको कैसे करना है इस बारमें थोड़ा विस्तार पूर्वक बतानेकी कृपा करें
– निशा सिंह, दिल्ली
नमक पानीका आध्यात्मिक उपाय करनेकी पद्धति :
आधी बाल्टी अपनी सुविधानुसार या मौसम अनुसार, गरम अथवा ठन्डे पानीमें, एक चम्मच मोटा या खड़ा नमक डालें (नैसर्गिक नमकमें आयोडीनयुक्त नमककी अपेक्षा अनिष्ट शक्तिके कष्ट दूर करनेकी अधिक क्षमता होती है ) और उसमें एक चम्मच देसी गायका गौमूत्र डालें, और अपने दोनों पैर उसमें डालकर पंद्रह मिनट कुर्सीपर बैठें और साथ ‘श्री गुरुदेव दत्त’ का जप करें, और पंद्रह मिनटके पश्चात पानीसे पैर निकाल कर पानी फ़ेंक दें और स्वच्छ जलसे पैर धो लें |
उसी पानीमें और किसी औरको पैर नहीं डालना है और न ही पंद्रह मिनटसे अधिक पैर डुबो कर बैठना है यह ध्यान रखें | यदि सुबह या शाममें धूप हलकी हो, आकाश नीला हो, तो आकाश और सूर्यके नीचे नमक पानीका उपाय करनेपर उसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है | उपाय करनेसे पूर्व प्रार्थना करें कि आकाश, सूर्य, नमक, जल और गौमूत्रमंद विद्यमान देवत्वसे मेरे शरीर, मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो | यह आध्यात्मिक उपाय दिनमें दो बार करें कमसे कम छः से आठ घंटेके अंतरालमें | जब आकाशमें काले बादल हो तो यह उपाय घरके अंदर करें |
नमक पानीका उपाय नियमित रूपसे करनेसे शरीर और मनसे संबंधित आध्यात्मिक कष्ट कम हो जाते हैं और मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो जाता है और मनको एकाग्र और शांत रहनेमें सहायता मिलती है |
उसी प्रकार नमक पानी और गौ मूत्र मिश्रित जलसे भी नियमित स्नान करनेसे मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट होता है | इस उपायके लिए स्नान करनेसे पूर्व एक बाल्टीमें दस लोटा पानी लें एक चम्मच खड़ा नमक और एक चम्मच देसी गायका गौ मूत्र डालें, उसे मिलाएँ और प्रार्थना करें ‘इस गौमूत्र और नमक पानीके स्नानसे मेरे मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो और मुझे चैतन्य प्राप्त हो” | तत्पश्चात साधारण स्नान करें |
यह दोनों ही प्रक्रिया वर्तमान समयमें घरके प्रत्येक सदस्यको, जिन्हें कष्ट है, उन्हें करते रहना चाहिए |
इस उपायको दो-तीन वर्ष लगातार करते रहें छोड़े नहीं !
दूसरा प्रश्न है :
मैंने आपके लेखको पढ़कर पिछले सप्ताह २-३ बार नमक पानीका उपाय किया | मुझे यह आध्यात्मिक उपाय करते समय बड़ी विचित्र सी अनुभूति हुई | मेरा जी मितलाने लगा और कोई धारदार वस्तु मेरे कानसे निकल रही हो ऐसा लग रहा था, मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी | क्या मैं इसे उपायको करनेमें निरंतरता रखूँ या छोड़ दूँ ? - सिमरन कौर, लंदन
उत्तर : नमक पानीका उपाय अनिष्ट शक्तिके कष्टसे निराकरण हेतु एक अत्यधिक उत्तम एवं प्रभावकारी आध्यात्मिक उपाय है | जिस प्रकारकी आपको अनुभूति हुई है उससे समझमें आता है कि आपको अनिष्ट शक्तिका कष्ट है अतः आप इस उपायको नियमित दिनमें दो बार करें और इसे और प्रभावकारी बनानेके लिए ऊपर बताए पद्धति अनुसार आकाश और सूर्यके संरक्षणमें करेंगी तो आपके कष्ट और शीघ्र कम होंगे |
उपाय करते समय आपका घबराना, जी मितलाना यह सब लक्षण है कि अनिष्ट शक्तिकी सूक्ष्म शक्ति कम हो रही है और इस कारण वे आपको कष्ट दे रही हैं | अनिष्ट शक्ति हमारे शरीरमें अपना स्थान बना सूक्ष्म अस्त्र और शस्त्र डाल देती हैं और कानसे उनके वे शस्त्र बाहर निकल रहे थे जो कि अच्छा लक्षण है और आपका शुद्धिकरण हो रहा था, इनसे आप डरें नहीं, दृढ़तापूर्वक नामजप और प्रार्थना करते जाएँ और उपाय करते रहे, थोड़े समयमें आपके कष्ट कम हो जाएंगे | इस प्रक्रियाके सूक्ष्म चित्र देखने हेतु इस लिंक पर जाएँ http://
VI. Clarification of doubts
Question 1: “You have often written in your articles about salt-water treatment. How is this treatment done? Please provide details.” – Nisha Singh, Delhi.
Answer: I will briefly explain how this remedy is to be done:
Take half a bucket of water, (hot or cold, depending upon the weather), put a spoonful of rock salt (natural salt possesses higher capacity to neutralise the problems caused by negative energies as compared to iodised salt) and put one spoon of Gau Mutra of a Desi (Indian) cow in a bucket of water. Sit on a chair and keep both your feet in the water for 15 minutes and chant Shree Guru Dev Datt. After 15 minutes, take your feet out, throw away the water and wash your feet with clean water.
Other family-members should not put their feet in this water. Alsoremember that your feet should not be kept in water for more than 15 minutes. See if there is mild sunlight such as in the morning or evening and the sky is blue then you can do the salt-water treatment under the sky. Doing it under the sky and the sun enhances its impact and makes it all the more powerful and increases its spiritual potency.. But before doing the treatment, pray thus: “May the element of divinity present in the sky, sun, salt, water and Gau Mutra destroy the black veil surrounding my mind and intellect.” Do this remedy twice a day, with a minimum gap of 6-8 hours. And continue it for two or three years as per the severity of the problems.
Doing salt-water treatment regularly reduces the problems pertaining to the mind and intellect as the black veil that surrounds them is destroyed, thus helping in better concentration and peace.
Similarly, taking a bath regularly with salt-water and Gau Mutra destroys the black veil surrounding the mind and intellect. For this, before taking a bath, take 8-10 mugs of water, put a teaspoonful of rock salt and a teaspoonful of Gau Mutra, mix it well and pray thus: “May this Gau Mutra and salt-water bath destroy the black veil surrounding my mind and intellect and may I receive Chaitanya (divine consciousness).” After this, take a normal bath. Both these processes must be done by those members of the family who suffer from problems.
Question 2:
“After reading your article, I had done the salt-water treatment two-three times in the last few weeks. But while doing this,I had a very strange experience.
I developed nausea and felt as if some sharp objects were coming out of my ear and I was a bit worried. Should I continue with this spiritual remedy or should I discontinue it?” - Simran Kaur, London.
Answer: Salt-water treatment is the most effective solution to problems caused by negative energies. The kind of experience you have had only proves that you are suffering from problems caused by negative energies. Hence, you must repeat this solution twice a day on a regular basis. To make it more effective, if you do it under the open sky and under light sunlight, your problems will reduce faster. Your strange feeling and nausea are symptoms that the subtle force of the negative energy is reducing and causing problems for you as a result. Negative energies create a place for themselves in our body and sometimes place subtle weapons in it. Those sharp weapons were coming out from your ear, which is a good sign, you were undergoing purification. Do not be afraid, do the chanting fearlessly, keep praying and continue this remedy, your problems will be reduced within a short time. To read more and see the pictures of subtle aspect of this treatment, visit this link:
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