- कुछ भक्त कहते हैं कि भगवान् शिव परम वैष्णव हैं। एकदम सही। वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जानी रे ! भोले बाबा करुणावतारम हैं, तो वैष्णव हुए ही। उसी प्रकार भगवान् विष्णु भी परम शैव हैं। राम एवं कृष्णावतार में उन्होंने महादेव की पूजा अर्चना की है। विष्णु और शिव में भेद देखना बहुत बड़ा पाप करना है। इस पाप से बचें। जहां भेद है वहां प्रेम कहाँ, श्रद्धा कहाँ, भक्ति कहाँ ? सिव पद कमल जिन्हहि रति नाहीं । रामहि ते सपनेहुँ न सोहाहीं ॥
- हे मन, कृपा करने वाले श्रीराम का भजन करो जो कष्टदायक जन्म-मरण के भय का नाश करने वाले हैं, जो नवीन कमल के समान आँखों वाले हैं, जिनका मुख कमल के समान है, जिनके हाथ कमल के समान हैं, जिनके चरण रक्तिम (लाल) आभा वाले कमल के समान हैंरे मन हरि सुमिरन करि लीजै ॥टेक॥
हरिको नाम प्रेमसों जपिये, हरिरस रसना पीजै ।
हरिगुन गाइय, सुनिय निरंतर, हरि-चरननि चित दीजै ॥
हरि-भगतनकी सरन ग्रहन करि, हरिसँग प्रीति करीजै ।
हरि-सम हरि जन समुझि मनहिं मन तिनकौ सेवन कीजै ॥
हरि केहि बिधिसों हमसों रीझै, सो ही प्रश्न करीजै ।
हरि-जन हरिमारग पहिचानै, अनुमति देहिं सो कीजै ॥
हरिहित खाइय, पहिरिय हरिहित, हरिहित करम करीजै ।
हरि-हित हरि-सन सब जग सेइय, हरिहित मरिये जीजै - नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा ।
श्यामसुन्दर मुख चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा ॥ टेर॥
तूँ ही नटवर, तूँ ही नागर, तूँ ही बाल मुकुन्दा ॥१॥
सब देवनमें कृष्ण बड़े हैं, ज्यूँ तारा बिच चन्दा ॥२॥
सब सखियनमें राधाजी बड़ी हैं, ज्यूँ नदियाँ बिच गंगा ॥३॥
ध्रुव तारे, प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रुप धरन्ता ॥४॥
कालीदह में नाग ज्यों नाथो, फण-फण निरत करन्ता ॥५॥
वृन्दावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकुन्दा ॥६॥
मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, काटो जम का फन्दा ॥७॥
''जय श्री राधे कृष्णा ''
Bharthipura - bharathi means language its a village of talking different mother tongue like Tamil ,marati,Urdu,kannada,Telugu in past days & now also.and a history tells that it was a big agrahara their lived a yathi of sringeri parmpara so bharthipura - Bharathipura is situated in Krishnarajpet tehsil and located in Mandya district of Karnataka. Pincode is 571426 , Bharathipura village code is 2296000 Source: Census of India 2001,
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